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देश में एक राहुल युवा वर्ग को जगा रहे हैं। जबकि, एक राहुल ऐसा भी है, जो युवा से लेकर अधेड़ नर-नारियों की ‘टाइम सेटिंग’ कराता है। फर्क यह कि पहले वाले राहुल नेहरू-इंदिरा परिवार के चिराग और कांग्रेस के अघोषित युवराज हैं। इनका कार्यक्षेत्र पूरा देश है। दूसरा राहुल एक सामान्य युवक है, लेकिन बेहद तेज और शातिर दिमाग भी। उसका ‘वर्किंग एरिया’ महानगर कोलकाता है। दोनों के नाम भले ही एक हों, पर कार्य की प्रकृति ऐसी है कि तुलना करना ठीक नहीं। बावजूद इसके राहुल गांधी के लिए इन राहुलों का सफाया जरूरी है। इसके बिना वह राष्ट्र के युवा वर्ग को आदर्श नहीं बना सकते।
उत्तरी कोलकाता के ढाकुरिया इलाके में फ्रेंडशिप क्लब चलाने वाला यह राहुल तो मात्र प्रतीक है। विभिन्न नामों वाले इस तरह के दर्जनों युवक-युवतियां हैं, जो यहां फ्रेंडशिप क्लबों के सहारे रंगीन मिजाज लोगों की ‘टाइम सेटिंग’ कराते हैं। अब बात कुछ विस्तार से! एक अनाम फ्रेंडशिप क्लब द्वारा जारी विज्ञापन में मनपसंद लड़कियों से दोस्ती का खुला आफर देते हुए इच्छुक को मोबाइल नंबर 933942840 पर संपर्क करने के लिए प्रेरित किया गया है। यह नंबर डायल करने पर राहुल नामक युवक से बात हुई। उसने पहले इधर-उधर की बात करते हुए तस्दीक किया कि सामने वाला ‘सेफ’ है कि नहीं? फिर जब उसे इत्मीनान हुआ तो पूरी तरह खुल गया। बकौल राहुल, …हमारे क्लब में आपका स्वागत है। यहां साल भर की अवधि के लिए चार प्रकार की मेंबरशिप उपलब्ध है। पहले में एक हजार रुपए जमा कराने होंगे। इसमें विभिन्न आयु वर्ग की मनपसंद अंडर ग्रेजुएट लड़कियां दोस्ती के लिए प्रस्तुत हैं। दूसरे में पंद्रह सौ रुपए की मेंबरशिप लेनी होगी, जिसमें उसी तरह ग्रेजुएट या सर्विस होल्डर युवतियां दोस्ती के लिए उपलब्ध रहेंगी। तीसरे में दो हजार रुपए की मेंबरशिप है। इसमें बीबीए, सीए, टीचर या इस श्रेणी की अन्य लड़कियां, जबकि चौथे में ढाई हजार की मेंबरशिप है। इसमें डाक्टर, इंजीनियर, मैनेजर या फिर हाई प्रोफाइल श्रेणी की अन्य महिलाएं दोस्ती के लिए प्रस्तुत की जाएंगी। यह सबकुछ नानस्टाप बताते हुए राहुल ने कहा कि मेंबर को हर प्रकार से संतुष्ट करने का इंतजाम उसके पास है। मसलन सुबह, दोपहर, शाम और रात हर वक्त के लिए अलग-अलग सेटिंग। वह भी पसंदीदा आयु वर्ग और चेहरे-फीगर के साथ। उसने बताया कि मेंबर को प्रत्येक सप्ताह तीन नंबर उपलब्ध कराए जाएंगे। यह क्रम एक साल तक चलता रहेगा, जबकि इसके बाद सेवा हासिल करने के लिए मेंबरशिप का नवीकरण कराना पड़ेगा। और भी बहुत सी बातें…? काफी कुरेदने पर भी राहुल ने अपने क्लब का नाम और सटीक पता नहीं बताया। बस यही कि आप ढाकुरिया इलाके में जोधपुर पार्क के करीब आकर फोन करें हमारा आदमी खुद संपर्क कर लेगा और क्लब ले आएगा। आश्चर्यजनक यह कि महानगर में इस तरह के तीन दर्जन से अधिक फ्रेंडशिप क्लब चल रहे हैं, लेकिन पुलिस को खास कुछ भी पता नहीं है। पूछने पर संयुक्त आयुक्त (क्राइम) दमयंती सेन ने यह कहते हुए पल्ला झाड़ लिया कि शिकायत मिलने पर पुलिस कार्रवाई करती है। लेकिन, यह नहीं बताया कि खुलेआम नंबरों को सार्वजनिक कर हो रहे इस धंधे पर रोक क्यों नहीं लग पा रही? अलबत्ता, लोगों को इन नंबरों के चक्कर में नहीं फंसने की नेक सलाह जरूर दे डाली।
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